योग क्या है?
योग एक कला के साथ-साथ विज्ञान भी है क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए व्यावहारिक तरीके प्रदान करता है, जिससे गहन ध्यान संभव है। और यह एक कला है, जब तक कि यह सहज रूप से और संवेदनशील रूप से अभ्यास नहीं किया जाता है, यह केवल सतही परिणाम देगा। योग केवल मान्यताओं की ही प्रणाली नहीं है अपितु यह शरीर और मन के एक दूसरे पर प्रभाव को ध्यान में रखता है, और उन्हें आपसी सद्भाव में लाता है।
भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अधिक महत्व है ।आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए योग की आवश्यकता ज्यादा है।योग का अभ्यास शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद है । योग शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति भी देता है।भारत के प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों के बाद,संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस “ के रूप में घोषित किया।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस ?
21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। इसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। भारतीय परंपरा में ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाते हैं। मान्यता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में लाभकारी होता है। इसी वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है।
कैसे शुरुआत हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की ?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। 27 सितम्बर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की इच्छा व्यक्त की थी । संयुक्त राष्ट्र महासभा 2014 भाषण में उन्होंने कहा था कि “योग हमारी पुरातन पारंपरिक अमूल्य देन है। योग मन व शरीर विचार व कर्म संयम व उपलब्धि की एकात्मता का तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। यह स्वास्थ्य व कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम भर न होकर अपने आप से तथा विश्व व प्रकृति के साथ पहचान को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है। आईये हम एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आरंभ करने की दिशा में कार्य करें।”और मात्र 75 दिनों में 177 देश इस प्रस्ताव के सहसंयोजक बने।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
21 जून 2015 जब संपूर्ण विश्व में पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया । इस आयोजन ने भारत को दो गिनीज विश्व रिकॉर्ड दिलाए – एक दुनिया का सबसे बड़ा योग एकसाथ करने का जिसमें 35,985 लोगों ने एक साथ किया और दूसरा 84 देशों के नेताओं की एक साथ भागीदारी के लिए। पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- सद्भाव और शांति के लिए योग।
दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 का आयोजन पीएम मोदी के नेतृत्व में चडीगढ़ में हुआ था।
दूसरे योग दिवस की थीम- युवाओं को जोड़ो थी। और इस योग दिवस में 177 देशों ने हिस्सा लिया था।
तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2017 का मुख्य आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में किया गया, जहां प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 55 हजार लोगों ने हिस्सा लिया । तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम थी- स्वास्थ्य के लिए योग।
चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018 का मुख्य कार्यक्रम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें सऊदी अरब भी शामिल हुआ। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम शांति के लिए योग थी।
पांचवा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
देश में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 का मुख्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित किया गया था । इस वर्ष की थीम थी- योगा फॉर क्लाइमेट एक्शन।
छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर 21 जून, 2020 को छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वर्चुअल माध्यम से मनाया गया। इसकी थीम थी- योगा फॉर हेल्थ – योगा एट होम।
सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 की केंद्रीय थीम ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ है। 2021 में भी योग दिवस कोविड नियमों का पालन करते हुए आभासी मंच पर ही मनाया गया था।
आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
इस वर्ष के योग दिवस का विषय “मानवता के लिए योग” है। यह विषय दर्शाता है कि कैसे योग ने कोविड महामारी के दौरान पीड़ा को कम करने में मानवता की सेवा की है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पीएम मोदी मैसूर पैलेस ग्राउंड, मैसूर में एक सामूहिक योग प्रदर्शन में हजारों प्रतिभागियों के साथ शामिल होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव को 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह के साथ एकीकृत करते हुए, मैसूर में पीएम द्वारा योग प्रदर्शन के साथ-साथ 75 केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे। योग प्रदर्शन विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, कॉरपोरेट और अन्य नागरिक समाज संगठनों द्वारा भी आयोजित किए जाएंगे और इसमें देश भर के करोड़ों लोग शामिल होंगे।
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