किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला यूनियन बजट2022

कोरोना महामारी ने जब देश के आधारभूत ढांचे को हिला कर रख दिया था तब कृषि ही एक मात्र ऐसा क्षेत्र था जिसने अन्य सेक्टरों के मुकाबले उन्नति की थी। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देना चाहिए।महामारी के दौरान प्रवासी ग्रामीण मजदूरों को सबसे अधिक समस्याएं झेलनी पड़ी है ।एक किसान की 40 प्रतिशत आय का जरिया कृषि होता है बाकी वह अन्य संसाधनों पर निर्भर रहते हैं।जो किसान  खेती के साथ रोजगार के लिए शहर का रूख करते थे कोरोना की कई लहरों का आना ,उनके रोजी-रोटी को निरन्तर चुनौती दे रहा है यहां तक की वह खेती के लागत तक का धन अर्जित करने में असक्षम हैं।ऐसी परिस्थत में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा के तहत रोजगार प्रदान के लिए व्यय को बढ़ाना चाहिए।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही हम देश की जीडीपी मजबूत कर सकते हैं।कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का मूलभूत आधार है।बजट2022 कृषि क्षेत्र के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने 2022 तक कृषि आय दो गुना करने की बात कही थी ।ऐसे में क्या बजट2022 किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा?

आजादी के 75 वर्ष होने वाले है आजादी के बाद से अर्थव्यवस्था को समृद्दि देने वाले लगभग सभी क्षेत्रों के कामगारों की आय संतोषजनक हो गई है।लेकिन अबतक सरकार द्वारा किसानों के उनके फसलों का उचित मूल्य और उनके आय को बढ़ाने का कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है।ऐसे में जरूरत है किसानों की कुछ मांगों को पूरा करने की जैसे कि कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया कराना ।खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बनाई  जाए ताकी खाद्य तेलों के बढ़ते दामों पर लगाम लगाया जा सके और किसानों को भी फायदा हो।इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की जरूरत है जैसे की अच्छी सड़के, वेयर- हाउस ,कोल्ड स्टोरेज और मंडियों का निर्माण कराना,महामारी के परिदृश्य में गांवों तक भी अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करना। केंद्र सरकार पीएम सम्मान निधि योजना के तहत किसानों की आर्थिक मदद के लिए प्रतिवर्ष 6000 रूपये सीधा उनके खाते में ट्रांसफर करती है किसानों की बेहतर स्थिति के लिए इस राशि को भी बढ़ाने की जरूरत है।    

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